सफलता कैसे प्राप्त करें No Further a Mystery
सफलता कैसे प्राप्त करें No Further a Mystery
Blog Article
“एक बूढ़ा आदमी आज खुश है, वह किसी भी चीज के बारे में शिकायत नहीं करता है, मुस्कुराता है, और यहां तक कि उसका चेहरा भी ताजा हो जाता है।”
उसका पिता, एक पेशेवर रसोइया, उसे रसोई घर में ले आया। उसने पानी से तीन घड़े भरे और प्रत्येक को एक उच्च आग पर रखा।
And what was far more surprising is 1 friend instructed me she had a timeshare in Paris that cost only $one hundred twenty a week and was out there on my birthday. Oh, and it absolutely was 3 miles with the Eiffel Tower! As my husband looked for flights he discovered that we had fifty,000 skymiles we didn’t know we experienced (3 youthful little ones, we hadn’t flown anywhere in years). The grandparents agreed to take the kids, who experienced in no way been from us right away. For my fortieth birthday, I ran a few miles to the Eiffel Tower and back again to our condo.”
पूरा गाँव इकट्ठा हो गया। बूढ़े आदमी से पूछा गया:
कलाम एक प्रेरणादायक व्यक्ति थे जिन्होंने सादगी और विनम्रता से जीवन जीया।
वह अपनी मांद से बाहर आया और इधर-उधर खोजा। वह केवल एक छोटे खरगोश को प्राप्त कर सका। उसने कुछ हिचकिचाहट के साथ उसे पकड़ लिया । “यह मेरा पेट नहीं भरेगा” शेर ने सोचा।
"चौकीदार ने सारी बातें बता दीं। शास्त्री जी ने कहा, "क्या तुम देख नहीं रहे हो कि उनके सिर पर कितना बोझ है?यदि motivational stories in Hindi यह निकट के मार्ग से जाना चाहती हैं तो तुम्हें क्या आपत्ति है? जाने क्यों नहीं देते? जहाँ सहृदयता हो, दूसरों के प्रति सम्मान भाव हो, वहाँ सारी औपचारिकताएँ एक तरफ रख कर वही करना चाहिए जो कर्तव्य की परिधि में आता है।"
व्यक्ति गुस्से से झल्लाया, बोला – दिखाई नहीं देता क्या, मेरे कपडे नए है। अब तुम्हारें चक्कर में इसे खीचड़ से ख़राब करूँ क्या। इतना बेवकूफ समझा है मुझे, मुझे बड़ा काम करना है, बड़ा आदमी बनना है, इतना कहते हुए व्यक्ति अपनी राह चला।
यह कहानी अवश्य पढ़े : महात्मा गाँधी जी की शिक्षा
बेचारे व्यक्ति को एक फूटी कौड़ी नसीब नहीं हुई वह जोर-जोर से रोता व सर को पटकता हुआ घर की तरफ वापस लौटा – उसने समय की कीमत को नहीं समझा इसलिए उसे पछताना पड़ा
तब से गाँधी जी ने अपने पूरे जीवन में कभी भी मांस को हाथ तक नहीं लगाया और अहिंसा का पालन करने की ठान ली.
गाँधी जी ने अपने जीवन में कभी भी मांस को हाथ नहीं लगाया. किन्तु एक बार उन्होंने मांस का सेवन किया था. जब गाँधी जी ने मांस खा लिया उस रात को गाँधी जी को पूरी रात अपने पेट में बकरे की बोलने की आवाज महसूस हुई.
This Internet site uses cookie or very similar systems, to boost your searching practical experience and supply personalised tips. By continuing to make use of our website, you comply with our Privateness Plan and Cookie Policy.
silly donkey and lion